Vinesh phogat retirement: विनेश फोगाट ने लिया संन्यास
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आधिकारिक तौर पर कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने एक भावुक बयान में कहा, “कुश्ती ने मुझे बहुत कुछ दिया, लेकिन अंत में, मैं हार गई।”
विनेश फोगाट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा “माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
अलविदा कुश्ती 2001-2024
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी”
Table of Contents
संन्यास का कारण
विनेश फोगाट के सन्यास का एक ही कारण है ओलंपिक में डिसक्वालिफिकेशन जिसके कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई थीं। इन परिस्थितियों ने उन्हें यह निर्णय लेने पर मजबूर किया। विनेश ने कहा कि वह अपने करियर में अधिक हासिल करना चाहती थीं, लेकिन चीजें उनके अनुसार नहीं रहीं। सिर्फ 100 ग्राम वज़न की वजह से उन्हे ओलंपिक से बाहर होना पड़ा वो लगातार मैच जीत रही थी और गोल्ड मेडल लाने की बहुत ज्यादा संभावना थी
ये पढ़े:- विनेश फोगाट ने चटाई वर्ल्ड चैंपियन को धूल
पहला दिन
6 अगस्त को विनेश फोगाट ने लगातार 3 मैच खेले और तीनों मैचों को जीता जिसमें एक मैच जापान की वर्ल्ड चैंपियन एथलीट यूई सुसाकी के साथ था लेकिन विनेश ने सुसाकी को भी मत दी और मैच को अपने नाम किया, सुसाकी ने अपने करियर में कभी भी कोई मैच नही हारा था लेकिन विनेश ने उसे भी हराया जो कभी नही हारा,6 अगस्त को क्वॉर्टर फाइनल खेलने के बाद विनेश सेमी फाइनल के लिए क्वालीफाई हो गई थी
दूसरा दिन
7 अगस्त की सुबह अचानक खबर आती है है की ओलंपिक से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया है जिसका कारण था की विनेश फोगाट 50 किलो की फ्रीरेसलिंग स्टाइल मे खेल रही थी और उनका वजन अचानक 100 ग्राम बड़ गया था।
तीसरा दिन
8 अगस्त की सुबह अचानक विनेश ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा की वो कुश्ती से सन्यास ले रही है सन्यास की खबर सुनते ही सभी खेल प्रेमियों को गहरा आघात हुआ विनेश का सन्यास लेना भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है
फोगाट का योगदान
विनेश फोगाट ने अपने करियर में भारत के लिए कई महत्वपूर्ण पदक जीते हैं। वह एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और ओलंपिक में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होने अपने करियर में कई बार देश को गौरवान्वित किया है
विनेश फोगाट का संन्यास भारतीय कुश्ती के लिए एक युग के अंत जैसा है, लेकिन उनके योगदान और उनकी प्रेरणा आने वाले समय में युवा खिलाड़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम करेगी।