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Rahul Gandhi met mochi: राहुल गांधी ने जिस चप्पल को सिला उस चप्पल के मिल रहे राम चैत मोची को ₹10 लाख, लेकिन मोची ने ठुकराया ऑफर

Rahul Gandhi met mochi

Rahul Gandhi with mochi(ram chett)

Rahul Gandhi met mochi: मोची ने ठुकराया साधारण चप्पल पर मिल रहे 10 लाख का ऑफर

हाल ही में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में राम चैत मोची की दुकान पर जाकर मोची के साथ बातचीत की ओर मोची के साथ चप्पल सिलने में मदद की लेकिन जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो राम चैत की किस्मत बदल गई इसके बाद रामचेत के पास बड़े बड़े नेता आने लगे।

साथ ही जिस चप्पल को राहुल गांधी ने सिला उसका मोची को पहले 1 लाख का ऑफर आया बाद में कीमत बढ़ते बढ़ते 10 लाख तक चली गई हालांकि मोची ने चप्पल को किसी भी कीमत पर बेचने से साफ मना कर दिया।

राम चैत मोची ने कहा, “यह चप्पल मेरे लिए किसी अनमोल वस्तु से कम नहीं है। मैं इसे पैसे के लिए नहीं बेच सकता।”

उनका कहना है कि यह घटना उनके लिए गर्व का विषय है और इस चप्पल को वह एक यादगार के तौर पर रखना चाहते हैं।

राहुल गांधी केसे मिले मोची से?

राम चैत, लगभग 40 साल से जूतों की दुकान चला रहे हैं। राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान उन्होंने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का जिक्र किया और मदद की गुहार लगाई। इस पर राहुल गांधी ने न केवल उनके साथ बैठकर उनकी बात सुनी,बल्कि उनके साथ बैठकर राहुल ने मोची के साथ जूते भी सिले।

राहुल ने भेजा मोची को गिफ्ट

मुलाकात के अगले दिन 27 जुलाई को राहुल गांधी ने मोची के लिए एक गिफ्ट बिजवाया, राम चैत ने बताया की राहुल गांधी ने उनके लिए सिलाई मशीन भेजी।

राहुल गांधी ने दिए राम चैत को अपने पर्सनल नंबर

राहुल गांधी ने बाद में राम चैत को फोन किया और उनका हालचाल लिया। राम चैत ने राहुल गांधी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिवार को राहुल गांधी के सम्मान और अपनापन के लिए जीवन भर कर्जदार रहेंगे। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें अपना फोन नंबर भी दिया और कहा कि जब भी जरूरत हो, फोन करना

लोगों का समर्थन और प्रतिक्रिया

राम चैत मोची के इस फैसले ने उन्हें आम जनता के बीच और भी लोकप्रिय बना दिया है। लोग उनके इस फैसले की सराहना कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में कई पोस्ट्स और कमेंट्स कर रहे हैं। यह घटना दिखाती है कि किसी भी छोटे से काम का बड़ा असर हो सकता है और कैसे एक सामान्य व्यक्ति की मेहनत और इमानदारी को सम्मान मिल सकता है।

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