natwar singh dies: पूर्व विदेश मंत्री का 93 की उम्र में निधन।
पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। नटवर सिंह भारतीय राजनीति में एक प्रमुख हस्ती थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ एक लंबा और उल्लेखनीय करियर रहा, उनका राजनीतिक जीवन विभिन्न उतार-चढ़ावों से भरा था, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
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के. नटवर सिंह का निधन 10 अगस्त की रात को 93 वर्ष की उम्र गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हो गया है, उनका अंतिम संस्कार कल 12 अगस्त को लोधी रोड़ शमशान घाट पर किया जाएगा। नटवर सिंह पिछले कई हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।
प्रारंभिक जीवन और करियर
के. नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को राजस्थान के भरतपुर में हुआ था। उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। नटवर सिंह 1953 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुए और एक राजनयिक के रूप में उनका करियर शुरू हुआ।
पीएम मोदी ने किया शोक व्यक्त
पीएम मोदी ने ट्विटर अकाउंट पर लिखा”श्री नटवर सिंह जी के निधन से दुख हुआ। उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया। वह अपनी बुद्धि के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति”।
s. जयशंकर ने कहा:-“प्रतिष्ठित राजनयिक और पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ। उनके कई योगदानों में जुलाई 2005 के भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका शामिल है। उनके लेखन, विशेषकर चीन पर, ने हमारी कूटनीति में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं. ॐ शांति.”
कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने भी नटवर सिंह के निधन पर दुख जताया वहीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा” पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री के नटवर सिंह के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। अपने लंबे करियर में, उन्होंने एक प्रतिष्ठित राजनयिक से लेकर उत्कृष्ट सांसद तक, कई उपलब्धियां हासिल कीं। पद्म भूषण से सम्मानित, वह एक प्रसिद्ध साहित्यकार भी थे। उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”
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राजनयिक करियर
अपने राजनयिक करियर के दौरान, नटवर सिंह ने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पदों पर कार्य किया। साथ ही उन्हें उनके काम के लिए पद्म भूषण से सम्मानित भी किया गया था।
राजनीतिक जीवन
1984 में, नटवर सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और राजनीति में प्रवेश किया। उन्हें राजीव गांधी की सरकार में विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। नटवर सिंह ने 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।
विवाद और पद से इस्तीफा
नटवर सिंह का राजनीतिक जीवन विवादों से भी अछूता नहीं रहा। 2005 में, उन्हें तेल के बदले भोजन कार्यक्रम (ऑयल फॉर फूड स्कैंडल) में कथित संलिप्तता के कारण विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बावजूद, उन्होंने राजनीति में सक्रिय रहकर विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय प्रकट की।
नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा “वन लाइफ इज़ नॉट एनफ” लिखी, जिसमें उन्होंने अपने जीवन और करियर से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
निधन और श्रद्धांजलि
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नटवर सिंह ने अपने दीर्घकालिक सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कांग्रेस पार्टी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें एक महान नेता बताया।