Bangladesh protests: बांग्लादेश की हिंसा के हत्थे चढ़े हिंदू मंदिर
बांग्लादेश: प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में फैली अस्थिरता ने हिंसा और विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है। इस दौरान कुछ अल्पसंख्यक हिंदू मंदिरों पर हमले और दो हिंदू नेताओं की हत्या ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। आइए हम बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति, मंदिरों पर हुए हमलों और इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करें।
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मंदिरों पर हमले और हिंसा
बांग्लादेश में फैली राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, कुछ हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए हैं।जमात-ए-इस्लामी संगठन ने सभी देशों को चेतावनी दी है की जो भी देश शेख़ हसीना को शरण देगा उसके बाहर उग्रप्रदर्शन किए जाएंगे, हिन्दू मंदिरो और हिंदुओं के घरों पर हमलों के पीछे कथित तौर पर धार्मिक कट्टरपंथियों का हाथ है, जिन्होंने इस अस्थिरता का फायदा उठाकर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया।
हिंदू नेताओं की हत्या
हाल ही में, बांग्लादेश में दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई, जिसने देश के अल्पसंख्यक समुदायों में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है साथ ही ढाका स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र पर भी हमला किया गया, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थति
देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस हिंसा के कारण कई लोग हताहत हुए हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। खबरों के अनुसार सिर्फ कल के दिन ही बांग्लादेश में हिंसक झड़पों में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं
शेख़ हसीना 45 मिनट में देश छोड़कर भागी कल यानि 5 अगस्त को शेख़ हसीना इस्तीफा देकर सिर्फ 45 मिनट में देश छोड़कर भाग गई, खबरों के मुताबिक शेख़ हसीना अभी भारत में गाजियाबाद के अंदर है वो जल्दी ही ब्रिटेन में शरण ले सकती हैं
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सेना का हस्तक्षेप
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेश की सेना ने हस्तक्षेप किया है। सेना ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को संभालते हुए शांति बनाए रखने की कोशिश की है।अभी के लिए बांग्लादेश की सरकार सेना के कंट्रोल मे है
हिंदू मंदिरों पर हमलों और नेताओं की हत्या ने देश के अल्पसंख्यक समुदायों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ा दी है। इन घटनाओं ने धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सद्भाव को चुनौती दी है।
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अंतर्राष्ट्रीय चिंता
बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हमले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता व्यक्त की है। कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।