Dhruv rathee channel ban?; क्या यूट्यूबर ध्रुव राठी का चैनल खतरे में?
लोकसभा चुनाव 2024 के वक्त इस बार खूब खलबली मची। हाल ही में एक ट्वीट ने सबका ध्यान खींचा है, जिसमें यूट्यूब के कर्मचारियों पर बीजेपी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में ध्रुव राठी का नाम भी चर्चा में है।
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सुनंदा रॉय का वायरल ट्वीट!
सुनंदा रॉय के ट्वीट में बताया गया की, भारतीय खुफिया एजेंसियां यूट्यूब के 17 कर्मचारियों की जांच कर रही हैं। इन कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी समर्थक कंटेंट को शैडो बैन किया और एंटी-बीजेपी प्रोपेगैंडा चैनलों को प्रमोट किया। इन 17 कर्मचारियों में से 12 पुरुष और 5 महिलाएं हैं, जो कि केरल, वेस्ट बंगाल और मुंबई से हैं।
आरोप और जांच
इन कर्मचारियों पर संदेह है कि उन्होंने यूट्यूब के 32 चैनलों को बैन किया, जिन्होंने बीजेपी को न्यूट्रल तरीके से रिपोर्ट किया था। इन चैनलों पर एंटी-नरेंद्र मोदी फेक न्यूज, हाफ न्यूज और प्रोपेगैंडा न्यूज को प्रमोट करने का आरोप है। इस विवाद के चलते ध्रुव राठी का नाम भी उछला है, क्योंकि उन्होंने चुनावों के दौरान बीजेपी के खिलाफ कई वीडियो बनाए थे।
ध्रुव राठी क्यों खतरे में?
ध्रुव राठी, जो अपने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर वीडियो बनाने के लिए जाने जाते हैं, ने चुनावों के समय कई एंटी-बीजेपी वीडियो अपलोड किए थे। उनके वीडियो पर काफी व्यूज और रीच मिली थी, जिससे उनकी पॉपुलैरिटी में इजाफा हुआ था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ध्रुव राठी का चैनल भी इन जांच के घेरे में आ सकता है?
इन चैनलों का क्या होगा?
इस जांच का असर सिर्फ यूट्यूब कर्मचारियों पर ही नहीं, बल्कि उन कंटेंट क्रिएटर्स पर भी हो सकता है जिन्होंने चुनावों के समय बीजेपी के खिलाफ वीडियो बनाए थे।
निष्कर्ष
सुनंदा रॉय का ट्वीट और यूट्यूब कर्मचारियों पर लगे आरोपों ने भारत के राजनीतिक और डिजिटल मीडिया में नई बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस जांच का निष्कर्ष क्या निकलता है और इसका ध्रुव राठी जैसे कंटेंट क्रिएटर्स पर क्या प्रभाव पड़ता है।
धन्यवाद!